गुरुवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दो द्विपक्षीय सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए इससे दोनो देशो कि सैन्य शक्ति को अधिक बल मिलेगा और भारत-प्रशांत शक्तियों के बीच रक्षा संबंधों को गहरा करने मे सह्योग मिलेगा।
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद इस समझौते की घोषणा की गई।
पत्रकारो को सम्भोदित करते हुए भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर और तेजी से प्रतिबद्ध है। यह न केवल हमारे दो देशों के लिए बल्कि भारत-प्रशांत क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।”
ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी मोदी की बातों को समर्थन करते हुए कहा “हम एक खुले, समावेशी, समृद्ध भारत-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध हैं और उस क्षेत्र में भारत की भूमिका हमारे क्षेत्र में आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण होगी।“
ये समझौते दोनों देश भारत और ऑस्ट्रेलिया को अधिक जटिल अभ्यासों के माध्यम से सैन्य एकीकरण को गहरा करने और उन्हें रसद समर्थन के लिए एक-दूसरे के ठिकानों तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध करते हैं। ये सैन्य सम्झौते ऐसे वक़्त हो रहे है जब चीन, दक्षिण चीन सागर में शामिल हैं और विवादित द्वीपों पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दो द्विपक्षीय सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए
एक संयुक्त शिखर सम्मेलन के बाद के बयान में कहा गया है कि दोनों देश “स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियमों पर आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र की दृष्टि साझा करते हैं, जो नौपरिवहन की स्वतंत्रता, अति-उड़ान और समुद्र के शांतिपूर्ण और सहकारी उपयोग का समर्थन करते हैं।”
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस समझौते पर चीन की क्या प्रतिक्रिया आती है और इससे उसको क्या फरक पड़ता है।