सरकारी अधिकारियों के अनुसार, रविवार को भारत और चीन दोनों देश शांति से सीमा विवाद सुलझाने पर सहमत हुए हैं।
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर भारी तनाव है और यह तनाव तब और बढ़ गया जब चीनी सेना अपनी साझा हिमालयी सीमा के एक विवादित हिस्से में चली गई जिसे लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति की और विवादित क्षेत्र पर अपना दावा ठोका।
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में घुसपैठ की जिससे तनाव बढ़ गया। साल 1993 में, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थापना हुई जो दोनों देशों के बीच सीमा के लंबे खंड को चिह्नित करने के प्रयास के तहत की गई थी, लेकिन अब इस नियंत्रण रेखा की स्तिथि गंभीर हो रही है और यही पूरी विवाद का जड़ है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी करके कहा की दोनों देशों के सैन्य अध्यक्ष तनाव को दूर करने के प्रयास में मिले थे और यह बैठक “सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल” में हुई। इसमें दोनों पक्षों ने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से समाधान करने के लिए अपनी-अपनी सहमती दिखायी।
दुनिया की सबसे लंबी भूमि सीमाओं में से एक भारत-चीन सीमा, दोनों देशों के बीच विवादस्पद रही है और इसी के चलते दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध भी हो चूका हैं जिसमे भारत को शिकस्त मिली लेकिन युद्ध के बाद संघर्ष विराम हो गया था लेकिन अब फिर से चीन ने भारत-चीन सीमा विवाद को सैन्य शक्ति के बल से उठा दिया है।
मई महीने में, भारत सुरक्षा बलों और चीनी सैनिकों के बीच एक आक्रामक झड़प हुई थी जिसके वजह से दोनों पक्षों के सैनिकों को मामूली चोटें आई थीं।
रविवार को भारतीय अधिकारीयों द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक ढंग से इस मामले को सुधारने के लिए सहमति हुई है।
साल 2017 में भी सीमा पर इसी प्रकार का तनाव विवादित डोकलाम पठार पर बढ़ गया था। हालांकि वह भाग भारतीय क्षेत्र में नहीं था, लेकिन भूटान ने चीन पर अपने क्षेत्र के अंदर सड़क बनाने का आरोप लगाया था जिसे चीन ने सिरे से नकार दिया था। तब भूटान के दावों का समर्थन करते हुए भारत ने पहल की और एक महीने तक ढ़ोकलाम सीमा में करीबन एक महीने तक भारत-चीन सैनिकों में गतिरोध जारी रहा, जिसमें सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा लाइव-फायर ड्रिल शामिल थे।
ज़मीन के प्रति लालच चीन के लिए नयी बात नहीं है, उसका ज़मीनी विवाद भारत समेत फ़िलीपीन्स, भूटान, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान जैसे देशों से भी है।